एकतरफा बलपूर्वक उपायों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित कर 4 दिसंबर को हर वर्ष "एकतरफा बलपूर्वक उपायों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस" (International Day against Unilateral Coercive Measures) के रूप में मनाने की घोषणा की। यह निर्णय 16 जून 2025 को महासभा में मतदान के बाद लिया गया, जिसमें 116 देशों ने पक्ष में, 51 ने विरोध में और 6 ने मतदान से दूरी बनाई।
क्यों घोषित किया गया?
"एकतरफा बलपूर्वक उपाय" वे आर्थिक, वित्तीय या व्यापारिक प्रतिबंध (sanctions) हैं, जो कोई एक देश या देशों का समूह बिना संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के दूसरे देश पर थोप देता है। ऐसे कदम अक्सर अंतरराष्ट्रीय कानून व संयुक्त राष्ट्र चार्टर की भावना के खिलाफ माने जाते हैं और इनका सबसे ज़्यादा नुकसान विकासशील देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास को होता है।
महासभा ने माना कि इन एकतरफा प्रतिबंधों के कारण आम जनता, विशेषकर गरीब और कमजोर वर्ग, रोज़गार, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो सकते हैं। इसलिए इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य है:
दुनिया भर में ऐसे उपायों के नकारात्मक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना,
देशों से अपील करना कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन चार्टर के अनुरूप ही कदम उठाएँ,
और अंतरराष्ट्रीय सहयोग व एकजुटता को मजबूत करना।
यह दिवस पहली बार 4 दिसंबर 2025 से मनाया जा रहा है, ताकि वैश्विक समुदाय को याद दिलाया जा सके कि राजनीतिक मतभेदों का समाधान संवाद और बहुपक्षीय ढांचे से होना चाहिए, न कि ऐसे एकतरफा प्रतिबंधों से जो आम लोगों के जीवन पर सीधी चोट करते हैं।
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