नगरपालिका में आयोजित एंपावर्ड कमेटी बैठक में नहीं पहुंचे ईओ, नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी ने जताई नाराजगी

नगरपालिका में आयोजित एंपावर्ड कमेटी बैठक में नहीं पहुंचे ईओ, नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी ने जताई नाराजगी

सरदारशहर। शहर के नगर पालिका ईओ प्रमोद कुमार जांगिड़ और नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी के बीच पिछले कुछ दिनों से तालमेल सही नहीं चल रहा है। जिसके चलते पूरे शहर भर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। 13 जनवरी को प्रशासन द्वारा बीकानेर रोड स्थित करणी माता मंदिर के आसपास का अतिक्रमण हटाए जाने के मामले में नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी द्वारा 14 जनवरी को नगरपालिका सभागार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी ने अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इतने बड़े मामले में उन्हें अधिशासी अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। वहीं अन्य कार्यों को लेकर भी नगरपालिका अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अधिशासी अधिकारी के खिलाफ नाराजगी जताते हुए आरोप लगाए थे। लेकिन अब यह मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगरपालिका सभागार में मंगलवार को एंपावर्ड कमेटी की एक बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठक में नगरपालिका अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ सहित कई अधिकारी नहीं पहुंचने पर नगरपालिका अध्यक्ष राजकरण चौधरी नाराज नजर आए। नगरपालिका अध्यक्ष ने 45 मिनट ईओ का इंतजार करने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अधिशासी अधिकारी इस एंपावर्ड कमेटी की बैठक में उपस्थित नहीं है। उन्होंने कहा कि आज से चार-पांच दिन पहले समस्त नगरपालिका के कर्मचारी अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी और बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जो भी सरकारी योजनाएं हैं उन कार्यों को गति दी जानी है। उसके लिए सभी को निर्देशित किया गया था कि प्रत्येक दिन शाम को 4 से 7 बजे तक सिर्फ और सिर्फ पट्टा पत्रावली के निस्तारण का कार्य करना है। चौथी मीटिंग हो रही है जिनमें से सिर्फ एक मीटिंग सफल हुई है। बाकी मीटिंग में कभी कोई अधिकारी नहीं आता है कभी कोई अधिकारी नहीं आता है। अधिकारी वर्ग सरकारी कार्यों के लिए जवाबदेह है। जिस प्रकार हल्के में लिया जा रहा है इससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने कहा कि आज मैं एक बार पुनः अधिशासी अधिकारी को पत्र लिख रहा हूं। अगर बार-बार यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं कि जनता नगरपालिका पर आक्रोश व्यक्त करेंगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी की होगी।पत्रकारों ने पूछा कि क्या पूरे मामले को लेकर विधायक को इस मामले से अवगत करवाया गया है तो नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा कि मेरी विधायक अनिल शर्मा से इस मामले को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। कुछ वरिष्ठ पार्षदों की इस मामले को लेकर विधायक जी से बात हुई है। उन्होंने अधिशासी अधिकारी पर बोलते हुए कहा कि यह अधिशासी अधिकारी की हठधर्मिता कहे या अहंकार कहे। लेकिन यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ का रिकॉर्ड रहा है कि जिन भी नगरपालिकाओं में रहे हैं हमेशा विवादित रहे हैं। नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा कि हम विधायक महोदय से भी निवेदन करते हैं कि इस अधिशासी अधिकारी को यहां से हटाया जाए और किसी दूसरे अधिकारी को लगाया जाए ताकि आम जनता के कार्य जल्द से जल्द हो सके। वहीं नगर पालिका अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ नगर पालिका सभागार में पहुंचे तो इस दौरान नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने कहा कि मुझे एक घंटा इंतजार करते हुए हो गया। मैं आपका नौकर नहीं हूं जो आपका इंतजार करूं और नगरपालिका अध्यक्ष सभागार से चले गए। जब पूरे मामले को लेकर हमने अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार जांगिड़ से बात की तो उन्होंने मंदिर के अतिक्रमण हटाने के मामले में कहा कि वह उच्च न्यायालय का आदेश था और हमने उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना की। वहीं उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा गए लगाए गए आरोपों पर कहा कि कल ही हमने काफी पट्टे वितरित किए हैं और जब उनसे एंपावर्ड कमेट की बैठक में अनुपस्थिति का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से शहरी ओलंपिक शुरू होने जा रहे है। उसकी तैयारियों में व्यस्त होने के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो पाया। वहीं आपको बता दें कि अधिशासी अधिकारी और नगरपालिका अध्यक्ष के बीच बढ़े तनाव की वजह से आमजन के कार्यों में रुकावट आई है।