बाड़मेर में हिरण शिकार की गैंग का पर्दाफाश: किराने की दुकान चलाने वाला मास्टरमाइंड बचने के लिए इस प्रकार देता था शिकार को अंजाम

बाड़मेर में हिरण शिकार की गैंग का पर्दाफाश: किराने की दुकान चलाने वाला मास्टरमाइंड बचने के लिए इस प्रकार देता था शिकार को अंजाम

जयपुर। बाड़मेर जिले में हिरणों के शिकार की एक संगठित गैंग का खुलासा हुआ है, जिसका मास्टरमाइंड किराने की दुकान चलाने वाला आईदानराम निकला। आईदानराम ने मोटे मुनाफे के लालच में एक साल पहले लोकल शिकारियों के साथ मिलकर यह गैंग बनाई थी। इस गैंग ने हर दिन 6 से 7 हिरणों का शिकार किया और मांस बेचने का धंधा शुरू किया। 

आईदानराम ने शिकारियों को तीन अलग-अलग गैंग में बांटा, जिनमें से कोई भी सदस्य दूसरे का नाम तक नहीं जानता था। गैंग के सदस्य रात में हिरणों का शिकार करते थे, जहां बंदूक की आवाज से बचने के लिए वे लाठियों से हिरणों की जान लेते थे। दिन में गैंग के सदस्य हिरणों के पानी पीने और रहने की जगह की रेकी करते थे और रात में शिकार के लिए निकलते थे। 

शिकार के बाद, गैंग का मास्टरमाइंड आईदानराम और उसका साथी मांस को अलग-अलग जगहों पर बेचते थे। गैंग में महिलाओं को भी शामिल किया गया था, जो मांस की बिक्री में मदद करती थीं। वन विभाग ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 4 फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

लीलसर और चौहटन के सुनसान इलाकों में शिकार करने वाली इस गैंग का भंडाफोड़ तब हुआ, जब 5 अगस्त को लीलसर गांव के जंगल में हिरणों के शव मिले। ग्रामीणों के अनुसार, इलाके में पहले 700 हिरण थे, जिनमें से अब केवल 100 बचे हैं। 

वन विभाग के डीएफओ सविता दहिया ने बताया कि हिरण शिकार के चार मामले दर्ज किए गए हैं, और जल्द ही होटल मालिकों और मांस विक्रेताओं के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी, जिसमें हिरण के शिकार और मांस बेचने पर पाबंदी की जानकारी दी जाएगी।